नामांकन दाखिल करने के बाद सीएम धामी ने कहा, चम्पावत के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोडूंगा
नामांकन दाखिल करने के बाद सीएम धामी ने कहा, चम्पावत के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोडूंगा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने चंपावत उपचुनाव के लिए नामांकन कर दिया है. इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ चंपावत के पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी भी मौजूद रहे. चंपावत उपचुनाव (Champawat By Election) के लिए कांग्रेस और बीजेपी में सीधी टक्कर है. कांग्रेस ने चंपावत विधानसभा से इस बार एक महिला को प्रत्याशी बनाया है, चंपावत विधानसभा उपचुनाव के लिए 31 मई को वोटिंग होनी है और 3 जून को रिजल्ट आएगा. नामांकन से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में अपने गांव नगरा तराई स्थित अपने कुल देवता के मंदिर में गए. जहां उन्होंने जाकर कुल देवता का आशीर्वाद लिया.
वही नामांकन के लिए रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी गीता धामी ने टीका लगाया और दही खिलाई. वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो चंपावत से वह चुनाव लड़ने जा रहे हैं. चंपावत देवों की भूमि है. उन्हें विश्वास है कि चंपावत की जनता उन्हें अपना आशीर्वाद देगी. चुनाव जीतने के बाद उनका प्रयास रहेगा कि वह चंपावत को आदर्श विधानसभा बनाएं.
सीएम का रोड शो
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत में एक रोड शो भी किया था. जिसमें पार्टी के कई नेता भी मौजूद रहे. जिसमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, उत्तराखंड प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, प्रदेश सह प्रभारी रेखा वर्मा, विधायक राम सिंह कैड़ा, कैबिनेट मंत्री में सौरभ बहुगुणा, रेखा आर्य ,गणेश जोशी ,चंदन रामदास शामिल रहे.
जनसभा को किया संबोधित
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नामांकन के बाद एक छोटी जनसभा को संबोधित किया और अपने पक्ष में वोट करने के लिए भाषण भी दिया. चंपावत विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा में सीधी टक्कर है इस विधानसभा में दो बार कांग्रेस तो 3 बार भाजपा ने जीत हासिल की है. इस बार कांग्रेस ने चंपावत उपचुनाव के लिए महिला को दावेदार बनाया है. कांग्रेस ने पूर्व जिला अध्यक्ष और पूर्व राज्य मंत्री निर्मला गहतोड़ी को उम्मीदवार बनाया है.
सीएम के लिए छोड़ी सीट
उत्तराखंड में इसी साल मार्च में विधानसभा चुनाव में पुष्कर सिंह धामी खटीम से चुनाव हार गए थे. इसके बाद चंपावत सीट से जीत दर्ज करने वाले कैलाश गहतोड़ी ने मतगणना के दिन 10 मार्च को मुख्यमंत्री के लिए चंपावत सीट छोड़ने का प्रस्ताव रखा था. इसके बाद उन्होंने 21 अप्रैल को इस सीट की सदस्यता से इस्तीफा भी दे दिया था.